लेखक: TalkinTrend Desk
श्रेणी: त्योहार / आध्यात्मिकता / लाइफस्टाइल
जन्माष्टमी 2025 कब है?
इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पूरे देश में 16 अगस्त 2025 (मंगलवार) को धूमधाम से मनाया जाएगा।
ज्योतिष गणना के अनुसार, अष्टमी तिथि 11 अगस्त की रात 11:47 बजे से शुरू होकर 12 अगस्त को रात 9:32 बजे तक रहेगी।
श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि के संयोग में हुआ था, इसलिए पूजा का सबसे शुभ समय निशीथ काल यानी रात 12 बजे के आसपास माना जाता है।
शुभ मुहूर्त
- निशीथ पूजा मुहूर्त: 12 अगस्त 2025, रात 11:55 बजे से 13 अगस्त, रात 12:40 बजे तक
- अष्टमी तिथि आरंभ: 11 अगस्त 2025, रात 11:47 बजे
- अष्टमी तिथि समाप्त: 12 अगस्त 2025, रात 9:32 बजे
- रोहिणी नक्षत्र आरंभ: 12 अगस्त, सुबह 10:20 बजे
- रोहिणी नक्षत्र समाप्त: 13 अगस्त, सुबह 08:15 बजे
जन्माष्टमी का महत्व
श्रीकृष्ण, भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं, जिन्होंने धर्म की स्थापना, अधर्म का नाश और भक्तों की रक्षा के लिए पृथ्वी पर जन्म लिया।
गोकुल, मथुरा और वृंदावन में यह त्योहार विशेष रूप से अद्भुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। झांकियां, रासलीला, दही-हांडी और भजन-कीर्तन इस दिन का मुख्य आकर्षण होते हैं।
पूजन विधि (स्टेप-बाय-स्टेप गाइड)
- व्रत और संकल्प:
सुबह स्नान करके भगवान श्रीकृष्ण का व्रत लेने का संकल्प करें। - मंदिर की सजावट:
घर के मंदिर या पूजा स्थान को फूलों, लाइट्स और तोरण से सजाएं। - लड्डू गोपाल का अभिषेक:
पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल) से लड्डू गोपाल जी का अभिषेक करें। - श्रृंगार:
नए वस्त्र, मोर पंख, मुकुट, बांसुरी, और आभूषण पहनाएं। - भोग:
माखन, मिश्री, पंजीरी, फल और मिष्ठान का भोग लगाएं। - मध्यरात्रि जन्मोत्सव:
ठीक 12 बजे जन्म की पूजा करें, आरती गाएं और घंटी-शंख बजाकर भगवान का स्वागत करें।
घर पर लड्डू गोपाल को कैसे सजाएं? (ड्रेसिंग आइडियाज)
- रॉयल लुक:
गोल्डन या रेड रंग के सिल्क वस्त्र, सोने जैसे झुमके और मोर पंख वाला मुकुट। - गोपाल लुक:
पीले धोती-कुर्ता, कमरबंद, बांसुरी और चांदी की पायल। - रासलीला थीम:
रंग-बिरंगे वस्त्र, मोतियों का हार और कांच के मोती वाला मुकुट। - सीजनल ड्रेस:
मौसम के अनुसार हल्के या गरम कपड़े, गर्मियों में कॉटन और सर्दियों में ऊनी वस्त्र।
श्रीकृष्ण जन्म कथा (संक्षेप में)
मथुरा के राजा कंस को एक भविष्यवाणी मिली कि उसकी बहन देवकी का आठवां पुत्र उसे मारेगा। डर के मारे उसने देवकी और वसुदेव को कैद कर लिया और उनके सभी बच्चों को मार डाला। लेकिन आठवें पुत्र के जन्म के समय चमत्कार हुआ — जेल के दरवाजे खुल गए, पहरेदार सो गए, और वसुदेव ने बच्चे को यमुना पार गोकुल में नंद और यशोदा को सौंप दिया। यही बालक आगे चलकर श्रीकृष्ण कहलाए।
देशभर में उत्सव
- मथुरा-वृंदावन: सजे-धजे मंदिर, रासलीला और झांकियां।
- महाराष्ट्र: दही-हांडी प्रतियोगिता।
- गुजरात: मटकी फोड़ उत्सव।
- दक्षिण भारत: भक्ति गीत और मंदिरों में विशेष अलंकरण।
जन्माष्टमी सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम, भक्ति और सत्य की जीत का उत्सव है। इस बार 12 अगस्त 2025 को, घर पर लड्डू गोपाल को सजाकर, भजन-कीर्तन करके और रात 12 बजे उनका जन्मोत्सव मनाकर हम अपने जीवन में आनंद और सकारात्मकता ला सकते हैं।
#Dehradun–उत्तरकाशी बाढ़ त्रासदी: भारी बारिश, पशुधन का नुकसान और मुख्यमंत्री की राहत घोषणा