INDIA ब्लॉक मार्च to Election Commission: राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘Vote Chori’ के विरोध में संसद से EC तक हाई-ड्रामा

Vote Chori राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव सहित INDIA ब्लॉक के सांसदों ने “Vote Chori” और SIR के खिलाफ संसद से चुनाव आयोग तक मार्च किया। पुलिस ने रोक दिया, कई नेताओं को हिरासत में लिया गया। पूरी घटना, आरोप और प्रतिक्रियाएँ पढ़ें।

INDIA (Indian National Developmental Inclusive Alliance) ब्लॉक, जिसमें कांग्रेस, SP, NCP, TMC, CPI(M) सहित कई विपक्षी दल शामिल हैं, ने बिहार चुनावों से पहले हुए Special Intensive Revision (SIR) के विरोध में मार्च शुरू किया। विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया “vote chori” (मत की चोरी) को बढ़ावा दे रही है।

विपक्षी दलों का कहना है कि यह संशोधन गरीब, अल्पसंक्यक और दस्तावेज़ नहीं जुटा पाने वाले नागरिकों को मतदान से वंचित कर सकता है, क्योंकि इस प्रक्रिया में ज़रूरी दस्तावेज़ जैसे जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट या हाईस्कूल प्रमाण पत्र, बिहार में हासिल करना मुश्किल है।

राहुल गांधी ने इसे लोकतंत्र के लिए “thermonuclear weapon” जैसा खतरनाक आरोप बताया—मतचोरी की इस चर्चा ने पूरे लोकतांत्रिक सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं

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मार्च की शुरुआत – संसद से EC तक की यात्रा

  • दिनांक: 11 अगस्त 2025 (दरअसल Monsoon सत्र के दौरान)
  • प्रस्थान बिंदु: संसद के Makar Dwar से INDIA ब्लॉक के सांसदों का मार्च आरंभ हुआ।
  • मार्च का उद्देश्य था – चुनाव आयोग से मिलना और अपनी चिंताओं को दस्तावेज़ के साथ रखना; लेकिन Delhi Police ने मार्च को Transport Bhawan पर रोक दिया, यह कहते हुए कि अनुमति केवल 30 लोगों को ही मिलेगी।
  • कुछ नेताओं जैसे Akhilesh Yadav ने police barricade को कूदने की कोशिश की, और कई सांसद—जैसे Rahul Gandhi, Priyanka Gandhi, Sanjay Raut, Mallikarjun Kharge को हिरासत में लिया गया

हिरासत और धरना प्रदर्शन

  • वरिष्ठ सांसदों को Parliament Street Police Station ले जाया गया, जहाँ उनका अस्थायी हिरासत रहा।
  • राहुल गांधी ने हिरासत के बाद पत्रकारों से कहा: “यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है, यह संविधान बचाने की लड़ाई है… 300 सांसद EC से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्हें रोका गया, यह दिखाता है कि वे डर रहे हैं”।
  • सांसदों ने सड़क पर बैठकर sit-in protest शुरू कर दिया, नारेबाजी की जैसे “vote chor” और “SIR: stealing democratic rights”।
  • Trinamool Congress की सांसद Mahua Moitra और Mitali Bagh इसके दौरान बेहोश हो गईं; अन्य सांसदों और राहुल गांधी ने उन्हें सहायता पहुंचाई

राजनीतिक और न्यायिक प्रतिक्रियाएँ

  • शशि थरूर (कांग्रेस सांसद) ने कहा कि जब तक चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर संदेह है, तब तक उसकी विश्वसनीयता प्रभावित रहेगी; इसीलिए अपने आप सवालों का सामना करना जरूरी हैHindustan Times
  • अजय माकन (कांग्रेस) ने इसे “गैर लोकतांत्रिक” बताते हुए आरोप लगाया कि जब तथ्य छिपाए जा रहे हैं, विरोध प्रदर्शन में सांसदों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
  • BJP सांसद धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और वोट धोखाधड़ी के आरोप का दुरुपयोग कर रहे हैं।
  • महाराष्ट्र के CM देवेंद्र फड़नवीस ने राहुल गांधी की शिकायतों को मिथक बताते हुए कहा कि यह केवल मनोरंजन के लिए लिखा गया “poll fraud script” है, जैसे सलिम-जावेद फिल्म थे

लोकतांत्रिक अस्मिता या राजनीतिक सुनियोजित क्रियाप्रतिक्रिया?

  • AP और Economic Times जैसी अंतरराष्ट्रीय और प्रतिष्ठित समाचार एजेंसियों ने भी इस मार्च को कवर किया है, और इसे electoral integrity की दिशा में एक बड़ा कदम माना है।
  • मार्च ने एक लोकतांत्रिक संदेश दिया—कि विपक्ष सत्ता पर सवाल उठाने और लोकतंत्र को बचाने का अधिकार रखता है।
  • दूसरी ओर, सरकार यह कहती है कि आरोप बेबुनियाद हैं, और यह केवल “डिबेट” को राजनीति बनाने की कोशिश है

आगे का रास्ता: क्या होगा अगला कदम?

  • EC को मार्च के बाद मांग मिली है कि 30 सांसदों को प्रशासनिक रूप से अनुमति के साथ EC से मिलने दिया जाए—लेकिन अभी तक स्पष्टता नहीं हैHindustan TimesThe Economic Times
  • विपक्ष द्वारा चुनाव आयोग पर उठाए गए सवाल न्यायपालिका या parliamentary committee में उठाने की संभावना है।
  • Bihar में SIR प्रक्रिया और उसका असर, खासकर चुनावों पर, भविष्य में बड़े राजनीतिक बहस का हिस्सा बन सकता है

निष्कर्ष

  • तारीख: 11 अगस्त 2025
  • स्थिति: संसद से EC तक मार्च, पुलिस द्वारा रोका गया, हिरासत, sit-in, और लोकतांत्रिक अस्वस्थता का प्रदर्शन
  • आलोचना: ‘vote chori’, SIR, डॉक्यूमेंटेशन बाधाएँ, कमजोर नागरिक विशेष दलबल
  • सरकारी प्रतिक्रिया: आरोप बेबुनियाद, राजनीतिक रणनीति, लोकतंत्र बचाने का दांव
  • लोकप्रिय संदेश: “One person, one vote” का आदर्श — लोकतंत्र की जड़ता

यह प्रदर्शन केवल एक राजनीतिक घटना नहीं है — यह लोकतंत्र की आत्मा को बचाने का संघर्ष है, जो कि सार्वजनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता, जवाबदेही और सभी नागरिकों को समान अधिकार सुनिश्चित करता है।

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