TalkinTrend हिंदी डेस्क | 16 अगस्त 2025
फिल्म “The Bengal Files” का ट्रेलर तो वर्षों से प्रतीक्षित था, लेकिन कोलकाता में इसके लॉन्च इवेंट ने विवादों का नया अध्याय खोल दिया। ऐन मौके पर बिजली के तार काटे गए, आयोजनों में बाधा उत्पन्न हुई, और निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति पर सवाल उठाए। आइए विस्तार से समझते हैं यह ड्रामा—क्या हुआ, क्यों हुआ और इसका अर्थ क्या है?
कोलकाता में ट्रेलर लॉन्च: सत्ता और सेंसरशिप का टकराव
“The Bengal Files” का ट्रेलर 16 अगस्त को कोलकाता के एक निजी होटल में सामने लाया जाना था। लेकिन जैसे ही स्क्रीनवेयर शुरू हुआ, कुछ अज्ञात लोगों ने सभी तार काट दिए, जिससे प्लान एकदम प्रभावित हुआ The Times of IndiaThe Economic Times। नतीजतन, आयोजन बीच में ही रुक गया।
विवेक अग्निहोत्री ने इस ख़तरे को “तानाशाही और जुल्म” बताते हुए कहा कि यह घटना पश्चिम बंगाल की शासन व्यवस्था की असमर्थता को दर्शाती है
राजनीतिक दबाव? वीडियोग्राफिक सच और आरोप-प्रत्यारोप
उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व में एक सिनेमाघर से अनुमति रद्द कर दी गई थी, और फिर दूसरी जगह भी आयोजन को रोकने का दबाव था Republic WorldHindustan Times।
“क्यों हमारी आवाज़ को दबाया जा रहा है?“—अग्निहोत्री ने मीडिया से कहा, साथ में दावा किया कि यह फ़िल्म सेंसर बोर्ड से स्वीकृत है फिर भी उसे रोकने की कोशिश हुई
अभिनेता-पल्लवी जोशी की तीखी प्रतिक्रिया
दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर पल्लवी जोशी ने सवाल उठाया:
“क्या इस राज्य में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है? कलाकारों और फिल्मकारों को जो बनाया है, उसे प्रदर्शित करने का अधिकार नहीं है?”
यह सूरत कश्मीर से बेहतर थी—यह राज्य उसे भी पीछे छोड़ रहा है।
(देश को सच जानने के लिए “The Bengal Files” जैसी फ़िल्में ज़रूरी हैं)
ट्रेलर की विषय-वस्तु: इतिहास या प्रचार?
फिल्म 1946 की Direct Action Day और Great Calcutta Killings पर आधारित है। साथ ही इसमें हिंदू नरसंहार को “हिंदू जेनोसाइड” के रूप में चित्रित किया गया है Navbharat TimesWikipedia।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ मिली-जुली हैं—कुछ इसे “प्रोपेगैंडा” कह रहे हैं, तो कुछ लोग इसे “रूह कंपाने वाला सत्य” मान रहे हैं
स्वतंत्रता या स्व-विच्छेद? लोकतंत्र पर सवाल
अग्निहोत्री ने देश में दो संविधान होने की बात कही—”एक भारत के लिए, दूसरा बंगाल के लिए” mintHindustan Times।
इस घटना ने राजनीतिक रणक्षेत्र को फिर सक्रिय किया—TMC और BJP बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए। BJP नेता सुंकता मजूमदार ने इसे कला और संवैधानिकता पर हमला बताया, जबकि TMC ने कहा कि अजनबी प्रचार फिल्मों से दूसरा मालिक बनना है
ट्रेलर लॉन्च के पीछे की पूरी कहानी संक्षेप में
बिंदु | विवरण |
---|---|
आयोजनों का रद्द होना | multiplex से शुरुआत, permissions अचानक रद्द |
इवेंट में हंगामा | तार काटना, पुलिस हस्तक्षेप, मीडिया फोकस |
निर्देशक की प्रतिक्रिया | “तानाशाही,” “मैं दबूंगा नहीं” |
कलाकारों का रिएक्शन | पल्लवी जोशी का अभिव्यक्ति स्वतंत्रता पर सवाल |
कंटेंट विवाद | इतिहास या प्रचार? सोशल मीडिया पर बहस |
लोकतांत्रिक सवाल | लोकतंत्र और अभिव्यक्ति पर व्यापक बहस |
निष्कर्ष: फिल्म बनाम राजनीति vs मीडिया बनाम लोकतंत्र
“The Bengal Files” वाकई संवेदनशील ऐतिहासिक विषय पर आधारित है। ट्रेलर लॉन्च पर हुए विवाद ने दर्शाया कि लोकतंत्र और लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति की रक्षा के लिए सतत vigilance और जन–समर्थन आवश्यक है।
फ़िल्म का संदेश, चाहे कितना भी कट्टर क्यों न हो, खुली बहस और सहमति मांगता है—आम समाज का भरोसा, मीडिया का सपोर्ट और प्रशासन का निष्पक्ष रहना ही इसे सुरक्षित मंच दे सकता है।